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सुरक्षित जीवन

*सुरक्षित जीवन*
जीवन को बचाना है,
कोरोना को भगाना है।
मीत,होवे जैसे मुमकिन-
दर्दे मर्ज मिटाना है।।

आबो-हवा को अब तो,
शुद्ध सभी हर हाल रखें।
करें सफाई तन की सदा-
नहीं दैत्य बुलाना है।
जीवन को बचाना है।।

दूरी तो रखना है,
जब भी जहाँ जाना होवे।
करना मात्र नमस्ते ही-
नहीं हाथ मिलाना है।
जीवन को बचाना है।

रुकना है मकानों में,
निपटाना दफ़्तर काम भी।
लिए बुखार यदि खाँसी है-
वैद्य मशविरा पाना है।
जीवन को बचाना है।।

क़ुदरत को न छेड़ें अब,
सरिता-जल न प्रवाह रुके।
वन-संरक्षण ध्येय सभी का-
गाँव विमल बसाना है।
जीवन को बचाना है।।

जीवन तो निराला है,
महक सुगंधित उपवन इव।
रखें बचा सुगंध क़ीमती-
यह लक्ष्य बनाना है।
जीवन को बचाना है।।
            ©डॉ0हरि नाथ मिश्र
                9919446372

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6 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति,,, सीख देती हुई कविता

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Amit Ratta

20-Dec-2023 12:50 PM

Nice

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Sushi saxena

20-Dec-2023 12:02 PM

Nice one

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